भैंगापन - कारण, लक्षण एवं उपचार की संपूर्ण जानकारी - Best eye specialist Hospital near you in Bathinda India

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भैंगापन – कारण, लक्षण एवं उपचार की संपूर्ण जानकारी

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम बात करेंगे कि भेंगापन सर्जरी आयु सीमा की क्या/ कितनी होती है? तो इसके लिए सबसे पहले हम यह जानते हैं कि भेंगापन जो है, होता क्या है, तो आमतौर पर भेंगापन को स्ट्रैबिस्मस भी कहा जाता है।  भेंगापन मतलब की यह एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें आंखें एक समय में एक ही बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने में विफल हो जाती हैं।

दूसरे शब्दों में से हम यूं कहें कि इस चिकित्सीय स्थिति में आंखें एक दूसरे के साथ संरेखित नहीं होती हैं।

भेंगापन की समस्या बच्चों में ज्यादा आम बात होती है लेकिन वयस्को में भी भेंगापन की समस्या देखने को मिल जाती है। तो भेंगापन की समस्या कई चीजों को प्रभावित करती है जैसे कि इसमें वयक्ति अपने को दुसरो से कटा कटा सा या अलग सा महसूस करता है।

भेंगापन सर्जरी आयु सीमा की आगे अगर हम बात करें तो भेंगापन को मेडिकल भाषा में क्रॉस-आई या वॉल-आई भी कहते हैं।

तो जैसे कि भेंगापन सर्जरी आयु सीमा की हम बात कर रहे हैं तो इसमें अगर कोई बच्चा जन्म से ही आंखों में भेंगापन के साथ पैदा हुआ है तो फिर इसके इलाज के बारे में आपको ज्यादा सोचने या घबराने की बात नहीं होती है। क्योंकि भेंगापन की सर्जरी काफी आसान होती है, तो आप इसको आसानी से, बिना किसी परेशानी के से करा सकते हैं।

बच्चों में भेंगापन सर्जरी आयु सीमा

बच्चों का जन्म होते ही डॉक्टर जब बच्चे के शरीर की अच्छी तरह से जांच करते हैं ताकि यह जाना जा सके कि बच्चे को कोई परेशानी या समस्या तो नहीं है ? इस प्रकार अगर डॉक्टर जब बच्चे की आंखों में भेंगापन की होने की जानकारी आपको दे देते हैं, तो माता पिता से हमारी ये एडवाइस/ सलाह है कि सबसे पहले तो माता पिता घबराये नहीं। क्योंकि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। भेंगापन की समस्या को एक छोटे से ऑपरेशन से जल्दी ही ठीक किया जा सकता है। इसलिए पेरेंट्स/ माता-पिता जल्दी से जल्दी इसका ओप्रशन करवा सकते हैं  ताकि आगे जाकर यह समस्या बच्चे के लिए भरी ना पड़े और वह जल्दी ठीक हो जाए।

भेंगापन सर्जरी आयु सीमा के बारे में हम अब ये कहेंगे कि भेंगापन की समस्या बहुत ही संवेदनशील होती है इसलिए ज्यादातर लोग या माता-पिता अपने बच्चे की आंखों का ऑपरेशन कराने से कई बार हिचकिचाते हैं या यूँ कहें कि डरते हैं।  वैसे देखा जाए तो भेंगापन सर्जरी सबसे सुरक्षित सर्जरी होती है और इसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इसके लिए कोई उम्र की सीमा निर्धारित नहीं है।

हां भेंगापन सर्जरी आयु सीमा की हम बात कर रहे हैं तो बच्चों के लिए भेंगापन सर्जरी की आयु सीमा जो है, 4 महीने के बच्चों का भी करवा सकते हैं इसलिए बचपन में भेंगापन सर्जरी कराते समय आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है और न ही ज्यादा घबराने की कोई बात है।

तो माता-पिता को हमारी यह सलाह/ एडवाइस है कि बच्चों में भेंगापन सर्जरी कराते समय ज्यादा फिक्रमंद न हों। भेंगापन सर्जरी आप बचपन में. ही करवा लें। यह ऑपरेशन बच्चे को अपना आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करता है और बच्चा जो है,  समाज में मतलब बराबर की दृष्टि से देखा जाता है। इसके अलावा बच्चे को एक स्पष्ट दृष्टि प्राप्त होती है। इसलिए भेंगापन की समस्या होने पर हमें हमेशा समय रहते सर्जरी करवाना ही अच्छा होता है क्योंकि अगर भेंगापन सर्जरी हम देर से कराते हैं तो इसके लिए इसमें ब्रेन सर्किट की अनुकूलन क्षमता वयस्कों से तुलनात्मक रूप से ज़्यादा होती है, जो उन्हें बेहतर दृस्टि या नज़र प्रदान करता करता है।

वयस्कों में भेंगापन सर्जरी आयु सीमा

अब बात करते हैं वयस्कों में यानि कि उम्र में बड़े लोगो में भेंगापन सर्जरी तो उन्हें यह सिर्फ साफ नज़र ही नही बल्कि इससे भी ज्यादा भेंगापन सर्जरी व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ाता है और उसे अपने  आत्मविश्वास को वापस लाने में भी मदद करता है। तो दृष्टि को बढ़िया बेहतर और आंखों के संरक्षण एवं आँखों को सुरक्षित रखने के लिए इस सर्जरी को करवा लेना चाहिए और भेंगापन की सर्जरी का फायदा उठाना चाहिए।

भेंगापन सर्जरी (एडवाइस / सलाह)

ऐसे में अगर भेंगापन की समस्या आपको या आपके किसी बच्चे को है तो आप आँखों के बहुत ही काबिल डॉक्टर डॉक्टर कशिश गुप्ता जी से मिलकर भेंगापन की समस्या के बारे में बात कर सकते हैं। भेंगापन की समस्या, उसके ईलाज और गंभीरता के बारे में भी आप जान सकते हैं जिससे कि आपको भेंगापन सर्जरी आयु सीमा की एवं भेंगापन सर्जरी के सही समय की जानकारी मिल सके।

इसलिए आप आँखों के काफी मशहूर एवं काबिल डॉ कशिश गुप्ता जी से जल्द मिले, जो कि सबसे अच्छी एवं वाजिब कीमतों पर भेंगापन सर्जरी प्रदान करते है। यहाँ डॉ. कशिश गुप्ता जी आपकी आंखों की बीमारी का बेहतर तरीके से जाँच करते हैं। इसके बाद आगे के उपचार के बारे में आपको इसके बेहतर एवं अच्छे ईलाज के बारे में बताते हैं।

इसके अलावा डॉ कशिश गुप्ता जी के पास रेटिना सर्जरी, चश्मा हटाना, लेसिक सर्जरी, भेंगापन, मोतियाबिंद सर्जरी और ग्लूकोमा सर्जरी और आँखों की कई अन्य बीमारियों  के ईलाज की सुविधाएं उपलब्ध है।

तो अधिक जानकारी के लिए आज ही हमारे अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने के लिये आप यहाँ पर क्लिक कर सकते हैं।

Tariq Masoodi is a technical content writer who specializes in strategic communications and digital media. He writes on health, eye care, and mass communication. He is fascinated by web marketing, advocacy blogs, and vlogs on all social media platforms. With over 20 years of expertise, he works with businesses around the world by pitching niche content to a targeted clientele to generate added revenues. He is a former professor of Media Studies and an alumnus of IIT Roorkee, India.