मानव आँख दूर या निकट की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। यह आमतौर पर आंख के लेंस की वक्रता द्वारा किया जाता है। यदि लेंस की वक्रता कम है, तो यह दूर की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा। लेकिन कभी-कभी दूर दृष्टि धुंधली होती है जबकि निकट दृष्टि स्पष्ट होती है। इस स्थिति को मायोपिया कहते हैं। मायोपिया को ही निकट दृष्टिदोष भी कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में, मायोपिया एक आँख का दोष या आँख की सामान्य असामान्यता है जिसमें निकट दृष्टि स्पष्ट होती है जबकि दूर दृष्टि धुंधली होती है। इस स्थिति को आमतौर पर मायोपिया कहा जाता है। यही निकट दृष्टि या अदूरदर्शिता या मायोपिया कहलाता है।
आँख का वह भाग, जो आँख को प्रतिबिम्ब बनाने में सहायता करता है, रेटिना कहलाता है। मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) में, प्रकाश किरणें आंखों में बहुत जल्दी इकट्ठा हो जाती हैं और रेटिना तक पहुंचने से पहले केंद्रित हो जाती हैं, और इसलिए रेटिना पर कोई छवि नहीं बन सकती है।
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आम तौर पर निकट दृष्टि दोष का मुख्य कारण हैं
- आजकल गैजेट्स का बढ़ता चलन,
- घर और ऑफिस की चारदीवारी में सिमटता जीवन,
- शारीरिक गतिविधियों की कमी और जंक फूड का बढ़ता चलन
- यह न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है बल्कि हमारे आंखों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में मायोपिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, आज दुनिया भर में 1.4 बिलियन लोगों को निकट दृष्टि दोष/ मायोपिया है, ऐसा अनुमान है कि यह आंकड़ा 2050 तक बढ़कर 5 बिलियन हो जाएगा। इनमें से लगभग 10 प्रतिशत लोगों को मायोपिया इतनी गंभीर होगी कि उन्हें अंधेपन का खतरा अधिक हो सकता है।
मायोपिया के प्रकार
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सरल/ सिंपल मायोपिया
सिंपल मायोपिया में व्यक्ति की आँख वस्तुतः स्वस्थ होती है, उचित शक्तिशाली लेंस या चश्मे से दोष को आसानी से ठीक किया जा सकता है और आँख की दृष्टि की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
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हाई मायोपिया
हाई मायोपिया, मायोपिया का चरम या उच्च रूप है। इसमें, यदि किसी व्यक्ति को कम उम्र में मायोपिया का निदान किया जाता है, तो बढ़ती उम्र के साथ यह हानि और भी बदतर हो जाती है। हाई मायोपिया मोतियाबिंद, ग्लूकोमा आदि सहित अतिरिक्त नेत्र विकारों के जोखिम को बढ़ाता है।
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पैथोलॉजिकल मायोपिया
पैथोलॉजिकल मायोपिया को अपक्षयी मायोपिया के रूप में भी जाना जाता है। इसे लेंस या चश्मे से ठीक नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार के मायोपिया से अंधापन होने के चांसेज ज्यादा होते हैं।
निकट दृष्टि दोष / मायोपिया के कारण
निकट दृष्टि दोष /मायोपिया कई कारणों से होता है। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:-
वंशानुगत कारण – निकट दृष्टि दोष /मायोपिया आधे से अधिक समय में वंशानुगत होता है जिसका अर्थ है कि यह पीढ़ियों तक चला जाता है।
दूसरा कारण है, नेत्रगोलक का बढ़ाव या कॉर्निया का निर्माण- इसमें कॉर्निया की सामान्य वक्रता के उभार पर प्रकाश किरणें अपवर्तित हो जाती हैं। ऐसे में कॉर्निया से पहले तस्वीर बन जाती है। इसलिए धुंधली छवि है क्योंकि दूर की वस्तुओं की छवि उपयुक्त बिंदु पर दिखाई नहीं देती है।
तीसरा कारण, अनियंत्रित मधुमेह- रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि से निकट दृष्टि दोष /मायोपिया हो सकता है।
एक असामयिक मोतियाबिंद (कैटरैक्ट) भी निकट दृष्टि दोष /मायोपिया का कारण बन सकता है- मायोपिक शिफ्ट मोतियाबिंद के दृश्य लक्षण हैं। जब मोतियाबिंद समय पर ठीक नहीं होता है, तो यह आगे चलकर मायोपिया के विकास का कारण बन सकता है।
लेंस का आकार बहुत उत्तल हो जाता है- यदि लेंस का आकार बहुत अधिक उत्तल हो जाता है, तो निकट दृष्टि दोष या मायोपिया उत्पन्न हो सकता है।
नेत्रगोलक के विभाग में वृद्धि भी इसका एक कारण हो सकती है – जब नेत्रगोलक की लंबाई आंख और कॉर्निया के लेंस की फोकस करने की शक्ति की तुलना में बहुत लंबी होती है। तो प्रकाश किरणें रेटिना के सामने एक बिंदु पर केंद्रित होती हैं न कि रेटिना पर ही, इस वजह से भी निकट दृष्टि दोष या मायोपिया हो सकता है।
निकट दृष्टि दोष /मायोपिया के लक्षण
निकट दृष्टिदोष/मायोपिया के कई लक्षण होते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- यदि किसी व्यक्ति को मायोपिया है, तो वह दूर के संकेत (जैसे सड़क के संकेत) स्पष्ट रूप से नहीं देख पाएंगे। हालांकि, वे आस-पास की वस्तुओं को देख पाएंगे।
- गाड़ी चलाते समय या खेल खेलते समय थकान महसूस होना भी मायोपिया का एक लक्षण है।
- जब किसी व्यक्ति को दूर की वस्तुओं को देखने में सक्षम होने के लिए अपनी पलकों को झुकना या आंशिक रूप से बंद करना पड़ता है, तो यह भी मायोपिया का संकेत है।
- सिरदर्द निकट दृष्टिदोष/मायोपिया के सामान्य लक्षणों में से एक है।
- निकट दृष्टिदोष/मायोपिया आंखों में खिंचाव का कारण बनता है।
- पलकों को सिकुड़कर देखना।
- आंखों से पानी आना।
इनके अलावा, बच्चों में निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि :–
- क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड या व्हाइट बोर्ड से ठीक प्रकार से दिखाई न देना।
- लगातार आंखें मसलना।
- पढ़ाई पर फोकस न कर पाना।
निकट दृष्टि दोष /मायोपिया की रोकथाम कैसे करें ?
निकट दृष्टिदोष/निकटदृष्टिता को रोकना संभव नहीं है, लेकिन इसकी प्रगति को धीमा करने के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं।
तो आप अपनी आंखों और दृष्टि की सुरक्षा एवं निकट दृष्टि दोष /मायोपिया को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम/ स्टेप्स उठा सकते हैं:-
- नियमित अंतराल पर अपनी आंखों की जांच कराएं।
- यदि आपको डायबिटीज़ /मधुमेह और हाई ब्लड प्रेसर है तो आप अपना इलाज तुरंत कराएं, क्योंकि ये आपकी दृष्टि को प्रभावित कर सकते हैं।
- जब भी आप घर से बाहर निकलें तो धूप का चश्मा पहनें। इससे आपकी आंखों को सूरज की अल्ट्रा-वायलेट किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाव होगा।
- अपने आहार चार्ट में मौसम के हिसाब से फल और सब्जियां और मछली शामिल करें।
- पढ़ाई और कंप्यूटर पर काम करते समय छोटे-छोटे ब्रेक लें तथा कम रोशनी में लिख्ने – न करें बल्कि अच्छी रोशनी में पढ़ें।
- धूम्रपान मत करें, धूम्रपान आपकी आंखों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
- बच्चों को कमरे की चहारदीवारी में बंद न रखें बल्कि उन्हें बाहर धूप में खेलने का मौका भी दें।
- निकट दृष्टि दोष /मायोपिया से बचने एवं उसे काम करने के लिए कंप्यूटर / मोबाइल स्क्रीन के सामने कम समय बिताएं।
- इसके अलावा बच्चों को दो घंटे से ज्यादा टीवी और मोबाइल का इस्तेमाल न करने दें।
- पढ़ाई के समय किताबों और आंखों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।
निकट दृष्टि दोष / मायोपिया का उपचार
निकट दृष्टि दोष / मायोपिया के उपचार का लक्ष्य निकट दृष्टि दोष में सुधार करना है। इसके लिए सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरह के उपचार उपलब्ध हैं।
नान-सर्जिकल / गैर शल्य चिकित्सा उपचार
निकट दृष्टि दोष /मायोपिया के गैर-सर्जिकल उपचार के लिए नकारात्मक (निगेटिव) संख्या वाले चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के उपयोग की आवश्यकता होती है। चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर जितनी अधिक होगा, आपका मायोपिया उतना ही गंभीर होगा।
यह निकट दृष्टि दोष / मायोपिया के दोष को कम करने में सहायक होता है। चश्मा दृष्टि को साफ और तेज करने का एक सामान्य और सुरक्षित तरीका है। इनमें विभिन्न प्रकार के चश्मों के लेंस का उपयोग किया जाता है।
ये लेंस सीधे आंखों पर लगाए जाते हैं। वे विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से बने होते हैं और विभिन्न प्रकार के डिज़ाइनों में आते हैं।
सर्जिकल उपचार
रिफ्रेक्टिव सर्जरी
निकट दृष्टि दोष /मायोपिया रिफ्रेक्टिव इरर कहलाती है एवं इसे दूर करने के लिए की जाने वाली सर्जरी को रिफ्रेक्टिव सर्जरी कहा जाता है। रिफ्रेक्टिव सर्जरी चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस पर निर्भरता को कम करती है।
रिफ्रेक्टिव सर्जरी में नेत्र सर्जन कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए लेजर बीम का उपयोग करता है। इससे निकट दृष्टि दोष /मायोपिया में काफी हद तक सुधार होता है। बहुत से लोगों को सर्जरी के बाद चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि किसी किसी को अभी भी उनकी आवश्यकता हो सकती है। जब तक आपका लेंस नंबर स्थिर नहीं हो जाता, तब तक रिफ्रेक्टिव सर्जरी की रेकमेंडेशन नहीं दी जाती है।
लेसिक और फोटो-रिफ्रेक्टिव केरैटेक्टोमी (पीआरके) दोनों ही सबसे आम/ नार्मल रिफ्रेक्टिव सर्जरियां हैं। लेसिक और फोटो-रिफ्रेक्टिव केरैटेक्टोमी (पीआरके) दोनों में ही कार्निया का आकार बदला जाता है ताकि प्रकाश बेहतर तरीके से रेटिना पर केंद्रित हो सके, जिससे कि निकट दृष्टि दोष / मायोपिया को ठीक किया जा सके।
निष्कर्ष – निकट दृष्टि दोष
जैसा कि हमें पता है कि आँखे अनमोल हैं। अतः इनसे संबंधित समस्याओं को आप अनदेखा न करें। अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को मायोपिया है तो डॉक्टर को दिखाने में बिल्कुल देरी न करें। अगर किसी की आँखे कमजोर होने के साथ ही चश्मे का नम्बर तेजी से बढ़ रहा हो तो बिलकुल भी देर नहीं करनी चाहिए और व्यक्ति को तुरन्त ही आँखों के विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।चश्में, कांटेक्ट लेंसों और सर्जरी के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉ. कशिश गुप्ता जो कि एक जाने माने नेत्र विषेशज्ञ (आई सर्जन) हैं से कंसल्ट कर सकते हैं जो कि आपको सही तरीके से समझायेंगे कि आँखों की किसी भी बीमारी का सही उपचार कैसे करवाएं। तो ज्यादा देर न करते हुए आज ही यहाँ संपर्क करें।