मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए ? में यहाँ हम इस पोस्ट के माध्यम से यह जानेंगे कि कैटरैक्ट या मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए या मोतियाबिंद का ऑपरेशन का सही समय क्या होता है।
तो सबसे पहले, मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए मोतियाबिंद के पकने का इंतज़ार किया जाता था, लेकिन आजकल अब मोतियाबिंद का ऑपरेशन के लिए मोतियाबिंद के पकने की ज़रूरत नहीं होती। लेकिन अब एडवांस तरीके से मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने लगा है। पुराने समय में जहाँ पहले बड़ा चीरा लगाकर मोतियाबिंद का ऑपरेशन होता था वहीं अब मात्र दो मिलीमीटर के छोटे चीरे से अत्याधुनिक मोतियाबिंद का ऑपरेशन या सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी से मरीज़ की रिकवरी भी काफी तेज़ होती है और मरीज जल्दी ही साफ देखने लायक बन जाता है।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए में अगर हम बात करें कि यह कब हो सकता है तो मोतियाबिंद किसी भी उम्र में हो सकता है। मोतियाबिंद की शुरुआत ही इसके ऑपरेशन का सबसे अच्छा समय है। अब किसी भी अवसर या समय का इंतज़ार करने की आवश्यकता नहीं होती। अब मोतियाबिंद का ऑपरेशन/ सर्जरी को समय से करवा कर हम आँखों पर पड़ने वाले दबाव से आँखों को बचा सकते हैं।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए में अब सवाल आता है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन किस मौसम में कराना चाहिए?
तो इसके जबाब में हम इतना कहना चाहेंगे कि आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन सर्दी के मौसम में ठीक रहता है। जिस से सर्जरी के बाद का ख्याल रखना आसान रहता है। चूँकि सर्दी में नमी और पसीना दोनों ही कम होते हैं इसलिए इन्फेक्शन का डर भी नहीं रहता।
लेकिन असल बात यह है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन किसी भी मौसम में करवाने से कोई नुकसान या तकलीफ नहीं होती। अब मेडिकल साइंस की लगातार तरक्की के कारण मरीज अब मोतियाबिंद का ऑपरेशन कभी भी करवाकर बेहतर दृस्टि पा सकता है और इस प्रकार मौसम की वजह से इसमें कोई एलर्जी नहीं होती है।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद की कुछ साधारण सी सावधानिया-
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के बाद अब हम जानेंगे कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद मरीज को क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
तो मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद आप अपने रोजमर्रा के साधारण कार्य अगले ही दिन से दोबारा आरम्भ कर सकते हैं, बसर्ते कि आपके डॉक्टर द्वारा बताई गई कुछ साधारण सी आम सावधानियां आपको माननी /फॉलो करनी होती है। जैसे कि –
अपनी आंखों को धूल मिटटी से बचाना,
इसके लिए काला चश्मा ( जो कि डॉक्टर द्वारा दिया गया है ) जरूर पहनना चाहिए,
- धुंए से आंखों को बचाना,
- सीधा पानी आंखों पर न मारना,
- व्यायाम न करना,
- आंखों को न रगड़ना,
मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद की सावधानियों के लिए आप ये वीडियो देखें
तो आप कुछ दिन इन सावधानियों को फॉलो करते /बरतते हुए अपनी जिंदगी एक नई रोशनी या नयी दृस्टि / नज़र के साथ गुजर सकते हैं। मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद डॉक्टर द्वारा सुझाए गए/ रेकमेंड किये गए दिनों में अपनी आँखों की जांच अवश्य ही करवाएं, ये जाँच आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इसलिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद अपनी आँखों की जाँच जरूर करवाएं।
देखिये, मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए को लेकर हम आगे आपको बता दें कि एक आँख में मोतियाबिंद होने पर सारा ज़ोर आपकी दूसरी आँख पर पड़ता है और वो धीरे-धीरे कमज़ोर होने लगती है। तो यह भी एक और कारण है, जिसके लिए डॉक्टर साहिब (जाने माने नेत्र स्पेशलिस्ट ) –डॉ. कशिश गुप्ताजी की एडवाइस है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन जल्द ही करवाना चाहिए। मोतियाबिंद बनते ही मौसमों के बदलने का इंतज़ार बिलकुल न करें, बल्कि तुरंत ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन या मोतियाबिंद का सर्जरी करवायें। इससे आपको रोजमर्रा के कार्य करने में आसानी हो जाती है, आप स्पस्ट रुर से देखने में सच्छम हो जाते हैं। इसके अलावा आपके जीवनस्तर में सुधार होता है जैसे कि , पढ़ना, वाहन चलाना, व्यायाम करना और अपने बाक़ी सभी काम आप आसानी के साथ कर पाते हैं।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के एवं लेसिक सर्जरी के जाने माने प्रसिद्ध ,एक्सपेरिएंस्ड/ तजुर्बेकार सर्जन डॉक्टर कशिश गुप्ता जी के अनुसार किसी भी मौसम में बिना किसी डर के डॉक्टर की सलाह से समय पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया जा सकता है। मोतियाबिंद का ऑपरेशन/ सर्जरी बिल्कुल सुरक्षित एवं सेफ है। आँखों की नजर ठीक रहने की वजह से हम किसी दूसरे पर आश्रित/डिपेंडेंट होने से भी बचते हैं। दृष्टि संबंधी समस्याओं के कारण गिरने या चोट लगने का डर भी हमेशा लगा रहता है, तो इन सभी परेशानियों से बचने के लिए जल्द ही सर्जरी करवाएं और जिंदगी का भरपूर आनंद लें। मोतियाबिंद लेंस कीमत |
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करना चाहिए में मोतियाबिंद का बेस्ट एवं सेफ ईलाज के लिए कौन सा ऑपरेशन होता है ? एवं आँख फड़कने का वैज्ञानिक कारण क्या है ?
मोतियाबिंद का बेस्ट एवं सेफ ईलाज के लिए ऑपरेशन कब एवं कहाँ होता है ?
मोतियाबिंद के बेस्ट इलाज के लिए लेजर सर्जरी/ लेसिक सर्जरी को ही प्रेफर किया जाता है। एक तरह से लेसिक सर्जरी ही मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज माना जाता है। यह एक मॉडर्न एवं एडवांस सर्जिकल प्रोसेस है जिसके द्वारा किसी भी प्रकार के मोतियाबिंद को हम हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं। तो अगर आप मोतियाबिंद से पीड़ित हैं या आपके परिवार में किसी भी मेंबर को मोतियाबिंद की प्रॉब्लम है तो आप एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ जैसे कि डॉक्टर कशिश गुप्ता से परामर्श करने के बाद ही लेसिक सर्जरी/लेजर सर्जरी करवाएं। यह सर्जरी बहुत ही सेफ है और इस सर्जरी के तुरंत बाद ही मरीज को तेज और साफ दृष्टि प्राप्त हो जाती है। कहने का मतलब कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद पेशेंट /मरीज साफ देख सकता है। हालांकि कुछ मामलों में हो सकता है कि साफ दृष्टि आने में कुछ दो से चार पांच दिनों का समय लग सकता है। यह एक मरीज के ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करता है। तो आप बिल्कुल निश्चिंत रहें और मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज लेसिक सर्जरी से जाने माने प्रसिद्ध ,एक्सपेरिएंस्ड/ तजुर्बेकार डॉक्टर कशिश गुप्ता जी से ही करवाएं।